ये है कुछ ऐसे मंदिर जिसमे मात्र दर्शन से चमकेगी किस्मत – धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मंदिरों की पूज्यता और महत्व है। भारतीय संस्कृति में कई मंदिर हैं जो न केवल पूजा-अर्चना के लिए प्रसिद्ध हैं, बल्कि वहाँ जा कर दर्शन पाने से व्यक्तियों की जीवन में सकारात्मक बदलाव और शुभता भी आती है। आज हम आपको भारत के कुछ प्रमुख और पूज्य मंदिरों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें माना जाता है कि वहाँ के दर्शन से व्यक्ति के जीवन में शुभता और समृद्धि आती है।
सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई
सिद्धिविनायक मंदिर मुंबई के प्रसिद्ध और पूज्य धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर प्रधान रूप से भगवान गणेश के अवतार श्री सिद्धिविनायक के लिए समर्पित है। यह मंदिर मुंबई के प्रभादेवी इलाके में स्थित है।
सिद्धिविनायक मंदिर का निर्माण १८०१ में हुआ था, और आज भी यह मंदिर विशेष धार्मिक महत्व रखता है। लोग यहां अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति, सफलता, और अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना के लिए आते हैं।
मंदिर में मौजूद श्री सिद्धिविनायक की मूर्ति एक ही पत्थर से तराशी गई है और इसकी विशेषता यह है कि इसके दो दाहिनी और बाईं आंखों के बीच एक तीसरी आंख है।
हर मंगलवार को इस मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना होती है, जिसे लाखों श्रद्धालु आशीर्वाद लेने के लिए यहां पहुंचते हैं। अनेक प्रमुख व्यक्तित्व भी समय-समय पर यहाँ दर्शन के लिए आते हैं।
इस मंदिर की मान्यता इतनी अधिक है कि लोग दूर-दूर से इसके दर्शन के लिए मुंबई पहुंचते हैं। सिद्धिविनायक मंदिर न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे भारत में अपनी पूज्यता और महत्व के लिए प्रसिद्ध है।
बाबा विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी
बाबा विश्वनाथ मंदिर वाराणसी के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है, और यह भारतीय हिंदू धर्म के प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक के रूप में माना जाता है। मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जिन्हें यहां ‘विश्वनाथ’ या ‘विश्वेश्वर’ के नाम से पूजा जाता है।
वाराणसी को काशी के नाम से भी जाना जाता है, और यह शहर भगवान शिव का शहर माना जाता है। यहाँ का विश्वनाथ मंदिर हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए विशेष महत्व रखता है, और इसकी मान्यता अत्यधिक है।
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मंदिर में प्रतिदिन शिवलिंग की पूजा-अर्चना होती है, और विशेष तौर पर सवान मास में लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। वाराणसी का एक और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है गंगा घाट, जहां पर लोग गंगा में स्नान करते हैं और अपने पापों का नाश मानते हैं।
वाराणसी में बाबा विश्वनाथ मंदिर के दर्शन को लेना मोक्ष प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। अनेक लोग वाराणसी पहुंचकर यहां अपनी अंतिम समय में मोक्ष की प्रार्थना करते हैं।
इस मंदिर और वाराणसी के पूरे इलाके का महत्व न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और पारंपरिक दृष्टिकोण से भी है, और यह भारतीय संस्कृति की महत्वपूर्ण विरासत मानी जाती है।
तिरुपति बालाजी, आंध्रप्रदेश
तिरुपति बालाजी मंदिर, जिसे वेंकटेश्वरा स्वामी मंदिर भी कहा जाता है, भारत के प्रमुख और सबसे अधिक आर्थिक रूप से समृद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर आंध्रप्रदेश राज्य के चित्तूर जिले में तिरुमला पर्वत पर स्थित है।
मंदिर भगवान विष्णु के अवतार, श्री वेंकटेश्वरा को समर्पित है। यहां प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु आते हैं, और विशेष तौर पर त्योहारों और अन्य धार्मिक अवसरों पर इस संख्या में वृद्धि होती है।
श्रद्धालुओं की एक प्रमुख परंपरा है कि वे भगवान को अपने बाल अर्पित करते हैं, इसे ‘मुंडन’ संस्कार भी कहा जाता है। यह एक प्रकार की त्याग और समर्पण की भावना को प्रकट करता है।
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तिरुपति बालाजी मंदिर को उनकी प्रशासनिक प्रणाली के लिए भी जाना जाता है। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) इस मंदिर की प्रशासनिक और पूजा गतिविधियों की देखरेख करता है।
इस मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को पहले से ही बुकिंग करनी पड़ती है, जिससे वह लंबी प्रतीक्षा से बच सकते हैं। यह मंदिर उन मंदिरों में से एक है जहां प्रतिदिन भक्तों की अधिकतम संख्या होती है। तिरुपति बालाजी न केवल आंध्रप्रदेश बल्कि पूरे भारत में अपनी पूज्यता और महत्व के लिए प्रसिद्ध है।
महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन
महाकालेश्वर मंदिर भारत में स्थित १२ ज्योतिर्लिंगों में से एक है और यह उज्जैन, मध्यप्रदेश में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव के महाकाल रूप को समर्पित है और इसका विशेष महत्व है हिंदू धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा में।
महाकालेश्वर मंदिर का निर्माण प्राचीनकाल में हुआ था, और इसकी वास्तुकला और संरचना आज भी श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करती है। मंदिर में भगवान शिव की शिवलिंग की पूजा हर दिन होती है, और खासकर श्रावण मास में यहाँ पूजा-अर्चना की महाकवि होती है।
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उज्जैन शहर को खासकर सिंहस्थ कुम्भ मेला के लिए भी जाना जाता है, जो हर बारह साल में एक बार आयोजित होता है। इस अवसर पर लाखों श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते हैं, जो शिप्रा नदी में स्नान करते हैं और महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करते हैं।
उज्जैन न केवल महाकालेश्वर मंदिर के लिए प्रसिद्ध है बल्कि यह ज्योतिषीय महत्व के लिए भी जाना जाता है, क्योंकि यहाँ पर वैदिक ज्योतिष की मुख्य धारा का केंद्र बिंदु है। उज्जैन शहर में अनेक प्राचीन मंदिर और धार्मिक स्थल हैं, जिसमें महाकालेश्वर मंदिर सबसे प्रमुख है।
रामेश्वरम, तमिलनाडु
रामेश्वरम तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरम जिले में स्थित एक पवित्र द्वीप है और यहाँ स्थित रामनाथस्वामी मंदिर को विशेष महत्व है। यह मंदिर भारतीय उपमहाद्वीप के दक्षिणी शीर्ष पर स्थित है और यह भारत के चार धामों में से एक माना जाता है।
रामेश्वरम और यहाँ का मंदिर रामायण के संघटनों से जुड़े हैं। मान्यता है कि भगवान राम ने सीता जी को रावण से मुक्ति दिलाने के बाद यहाँ शिवलिंग की स्थापना की थी और भगवान शिव की पूजा की थी।
रामेश्वरम में तीर्थ यात्रा की एक विशेष प्रक्रिया है, जिसमें भक्त अनेक पवित्र कुंडों में स्नान करते हैं और फिर रामनाथस्वामी मंदिर में दर्शन करते हैं।
मंदिर की वास्तुकला भी अद्वितीय है, जिसमें विशाल गोपुरम और विस्तृत प्रांगण शामिल है। यह मंदिर द्रविड़ वास्तुकला के उत्कृष्ट उदाहरणों में से एक माना जाता है।
रामेश्वरम को ‘वाराणसी दक्षिण में’ भी कहा जाता है, और मान्यता है कि यहाँ की यात्रा के बिना वाराणसी की यात्रा पूरी नहीं होती।
रामेश्वरम न केवल धार्मिक नजरिये से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका समुद्री तट और संग्रहालय जैसी अन्य जगहें भी पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। इसके अलावा, रामेश्वरम सेतु भी यहाँ का एक मुख्य आकर्षण है, जिसे अधिकतर लोग ‘अदम’स ब्रिज’ के रूप में जानते हैं।
वैष्णो देवी, कटरा जम्मू कश्मीर
वैष्णो देवी भारत के सबसे प्रमुख और पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है। यह जम्मू और कश्मीर के कटरा नगर में त्रिकुट पर्वत पर स्थित है। यह मंदिर माँ वैष्णो की उपासना के लिए प्रसिद्ध है, जो जगदम्बा की तीन शक्तियों – सरस्वती, काली और लक्ष्मी का प्रतीक हैं।
लाखों यात्री हर साल यहाँ दर्शन के लिए आते हैं, और मान्यता है कि माँ वैष्णो देवी के दर्शन से जीवन में सुख-समृद्धि और मानवता की प्राप्ति होती है।
वैष्णो देवी यात्रा अपने आप में एक अद्वितीय अनुभव है। यात्री को 13 किलोमीटर की पर्वतीय यात्रा पूरी करनी होती है जो कटरा से शुरू होकर मंदिर तक जाती है। इस रास्ते में भक्त अपनी भक्ति, श्रद्धा और तपस्या का परीक्षण देते हैं।
माँ वैष्णो देवी की गुफा में तीन पत्थरी पिंडियों का दर्शन होता है जो माँ काली, माँ सरस्वती और माँ लक्ष्मी का प्रतिनिधित्व करती हैं। जब यात्री इस पुण्य स्थल पर पहुंचते हैं, उन्हें एक अद्वितीय शांति और संतोष का अहसास होता है।
इस धार्मिक स्थल पर आने से पहले भक्त ‘जय माता दी’ के नारे से गूंज उठती है, जो पर्वतों की घातियों में गूंजता रहता है। इस अनुभव को शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल है, यह सिर्फ महसूस किया जा सकता है।