अनुपमा 25 अक्टूबर 2023 लिखित अपडेट नए मोड़ के साथ – जब अनुज उसे खबर सुनाता है कि जज ने सोनू को निर्दोष मान दिया है, तो अनुपमा के चेहरे की रंग उड़ जाती है। वह क्षणिक रूप से अपना संयम खोती है, परंतु देविका और अनुज उसके पास रहकर उसे सांत्वना प्रदान करते हैं।
देविका बताती है कि उन्हें पहले ही यह फैसला आने की उम्मीद थी, देखते हुए कि समय की कमी के कारण पर्याप्त सबूत और गवाह नहीं प्रस्तुत किए गए थे।
अनुज अनुपमा को समझाता है कि अगर वह स्थानीय अदालत के फैसले से संतुष्ट नहीं है, तो उन्हें हमेशा उच्च न्यायालय में जा कर अपील करने का विकल्प बाकी है।
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अनुपमा की भावनाएँ अब भी अस्तव्यस्त हैं। उसे यह स्वीकार करना कठिन है कि उसके बेटे के हत्यारे को अब सजा नहीं होगी और वह स्वतंत्रता का आनंद उठा रहा है, जब तक उसका परिवार डर और चिंता में डूबा हुआ है। देविका और अनुज अनुपमा को यकीन दिलाने की कोशिश करते हैं कि वे हार नहीं मानेंगे।
सुरेश सोनू के साथ न्यायालय से बाहर आता है और अनुपमा और अन्यों का मजाक उड़ाता है, उसकी विजय का मजा लेता हुआ। मीडिया के सवालों पर जवाब देते हुए, सुरेश ने अदालत के फैसले को स्वागत किया।
वहीं, शहर के दूसरे कोने में, मालती देवी खुशी से झूमती है और अनुज की प्रेरणादायक बातों को स्मरण करती है, जब वह अपनी प्रधानता को घर में मनवाने की योजना बना रही है। बरखा तुरंत ही मालती देवी की चालों को समझ जाती है और उसके योजनों का मुखर विरोध करती है।
अन्यत्र, शाह परिवार में, वनराज को अनुपमा और अनुज द्वारा अदालत के निर्णय की जानकारी दी जाती है, जिससे वह गहरी निराशा में चला जाता है, अपनी असफलता को महसूस करता हुआ।
अनुपमा प्रतिक्रिया देती है कि समर का संघर्ष अभी समाप्त नहीं हुआ है, यह सिर्फ एक नयी शुरुआत है। जब डिंपल सोनू की बराई के खबर सुनती है, वह दुखी हो जाती है। अनुपमा उसे संजीवनी देने में सफल होती है और उम्मीद जगाती है कि वे अब भी न्याय प्राप्त कर सकते हैं।
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फिर सुरेश और सोनू अपने बड़े समर्थकों के साथ शाह परिवार के घर पहुंचते हैं, जिससे वहां अव्यवस्था फैल जाती है। सुरेश मनोरंजन के तौर पर मिठाइयाँ बांटता है, लेकिन वनराज फैसले को चुनौती देने की उम्मीद में है।
सुरेश का मनोबल तोड़ देने के बावजूद, अनुपमा संघर्ष की आत्मा को जिंदा रखती है और कहती है कि अधिकार और न्याय की जंग अभी जारी है।
रोमिल अपनी निराशा प्रकट करता है, जिससे पाखी क्रोधित हो जाती है। उनके विचार में तीव्रता बढ़ती है, जब वह अनुपमा को आलोचना करता है। मालती देवी अपने नए कार्यक्रमों में डूबी होती है, लेकिन बरखा के अनुग्रह से अनुपमा की सहमति समझती है।
डिंपल घर की चिंता के बीच में अनुपमा को न जाने की सलाह देती है, जब तोशु और किंजल देश त्यागने की योजना बना रहे होते हैं। इस समाचार से हैरान होकर, अनुपमा उनसे उत्तर चाहती है।