सुहागन 5 अक्टूबर 2023  एपिसोड अपडेट

सुहागन 5 अक्टूबर 2023  एपिसोड अपडेट – कृष इंदु से भड़कते हुए कहता है कि उसकी ज़िंदगी में उसकी मर्जी के बिना शादी करवा दी गई है। उसका विरोध है कि उसकी भावनाओं की अवहेलना की गई है। इंदु उससे विचार करने को कहती है। बिंदिया चिंतित होती है और कृष के पास जाती है, लेकिन कृष उससे दूर होता है।

साक्षी को आश्चर्य होता है और वह पूछती है क्या हो रहा है। कृष का खुलासा है कि बिंदिया ने उसके कहने पर कार से कूदा, जिससे साक्षी विस्मित हो जाती है।

जब इंदु और पायल के बीच विचार-विमर्श होता है, तो इंदु अपनी सख्त स्थिति लेती है। इंदु अपनी छोटी बहू को चूड़ियाँ पहनाती है, जो बिंदिया ने पहले संग्रहित की थी, और यह घोषित करती है कि पायल अब इस परिवार का हिस्सा है। इस फैसले से स्थिति और भी जटिल हो जाती है।

पायल की आंखों में खुशी चमकती है जब वह चूड़ियाँ पहनती है और इंदु के पैर छूकर उसका आभार प्रकट करती है। इंदु उसे गले लगाती है, समझती है कि उसका बेटा कृष पायल में खुश रहेगा।

बिंदिया उत्तराधिकारी बनकर खड़ी होती है और उसकी बातों में थोड़ी असहमति और आक्रोश प्रकट होता है। इंदु की नजरें दृढ़ता से बिंदिया पर टिकी होती हैं, जैसे वह उसे समझा रही हो कि अब समय बदल चुका है।

पायल और बिंदिया के बीच तनाव महसूस होता है, जब पायल उसे धमकी देने का आरोप लगाती है। उसकी बातों में स्पष्टता और आत्म-संविदान होती है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वह अपने नए जीवन में पूरी तरह से समझदार है।

कृष की आवाज़ में निर्णयकता होती है, जब वह बिंदिया से कहता है कि अब उसे चले जाना चाहिए। यह समझाता है कि उसने अपने जीवन में पायल को स्वीकार किया है और वह अब उसके साथ अपना भविष्य बनाना चाहता है।

बिंदिया संवेदनशीलता से बताती है कि उसका और कृष का बंधन कई जन्मों से है, और जिस तरह से वह इस घर में आई है, उसी तरह से यहां से जाएगी। कृष उससे अनुरोध करता है कि वह उस पर दबाव न डाले। इंदु बताती है कि हालांकि वह पायल को अपनी बहू के रूप में स्वीकार कर चुकी है, लेकिन बिंदिया उसके पति द्वारा घर लाई गई बहू है और उसका सम्मान किया जाना चाहिए।

साक्षी अपनी माँ की बुलावट को महसूस करती है और वह उससे विदा लेकर चली जाती है। इंदु कृष से कहती है कि वे चीजों पर विचार करेंगे और फैसला लेंगे, लेकिन पायल को अब अपने कमरे में वापस नहीं ले जाएँगे। कृष इसे समझता है और पायल के साथ वहां से चला जाता है। जब वह चलती है, तो उसका अदृश्य लुक उसे एक अद्वितीय और रहस्यमय चरित्र में बदल देता है।

बिंदिया अतिथि कक्ष में पहुंचती है, जहाँ पायल खुशी खुशी गाना गा रही है। पायल का मूड उत्साहित है, और उसकी आंखों में विजय की चमक होती है। वह बिंदिया से कहती है कि प्रेम और संघर्ष में हर तरह की स्त्रतेजी को अपनाया जा सकता है और उसने अब कृष को अपना बना लिया है।

वह बिंदिया से कृष की जैकेट मांगती है, साथ ही उसे उसकी बेज्जती करती है, याद दिलाती है कि कृष ने कैसे उसकी इज्जत बचाई थी। बिंदिया, जो पहले से ही आहत हो चुकी है, पायल के इस व्यवहार से और अधिक आहत होती है। वह पायल को तीखी तरह से उत्तर देती है, और दोनों बहनों के बीच महसूस होने वाली दूरियां और भी गहरी हो जाती हैं।

पायल, अब अपने नए स्थिति के साथ आत्म-विश्वास से भरी होती है, और बिंदिया को यह स्पष्ट करती है कि अब वह कृष की पत्नी है और उसके पास सब कुछ है – चूड़ियाँ, सम्मान, और इंदु का प्यार।

पायल अपने बैग में बिंदिया के कपड़े डालती है और चिढ़ती हुई कहती है, “अब बस एक और चाल और तुम इस घर से बाहर होगी।” बिंदिया अपनी अलमारी की तरफ इशारा करती है और उससे कहती है, “मेरे कपड़े भी अभी वहां पड़े हैं। मैं अभी भी इस मुकाबले में हूँ।

तुम्हें अभी जीत मनाने से पहले दोबारा सोचना चाहिए।” उसकी आँखों में दृढ़ता और आत्मविश्वास ज़हरीला मिश्रण बनता है।

अगले अध्याय में: कृष बिंदिया की ओर बढ़ता है, और उसे अपनी पत्नी पायल समझकर उसे उठा लेता है। वह उसे खुशी से घुमाता है और कहता है, “तुम मेरी जीवन संगिनी हो।” बिंदिया मुस्कराती हुई कहती है, “हाँ, मैं ही तुम्हारी जीवन संगिनी हूँ।” फिर, वह पायल से मिलती है और उससे कहती है, “जैसा मैंने पहले कहा था, प्रेम और संघर्ष में सब कुछ स्वीकार्य है।”

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