आखिर क्यों मनाया जाता है भाई दूज क्या है इसकी कहानी – “आखिरकार, भाई दूज क्यों मनाई जाती है?” का कारण है कि यह हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण त्योहार है जो भाई और बहन के प्यार और समर्पण का प्रतीक होता है। इस दिन बहन अपने भाई की लम्बी आयु और सुख-शांति की कामना करती है और भाई बहन के साथ प्यार और संबंध का प्रतीक दिखाता है। यह एक परिवार में एकता और प्यार की भावना को बढ़ावा देने वाला महत्वपूर्ण त्योहार है और यह भारतीय संस्कृति में महिलाओं के अधिकार और समर्पण की महत्वपूर्ण भूमिका को प्रमोट करता है।
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भाई दूज का आदि एक पुरानी हिन्दू पौराणिक कथा से जुड़ा हुआ है। इसके अनुसार, भगवान कृष्ण अपनी बहन सुभद्रा के द्वारका आगमन पर उनका स्वागत करने के लिए उनके घर गए थे। उनकी बहन ने अपने भाई कृष्ण को तिलक दिया और उनकी माथे पर अशिर्वाद दिया। इसे देखकर, भगवान कृष्ण ने अपनी बहन सुभद्रा का भी आशीर्वाद दिया और उनके साथ समय बिताने का आदान-प्रदान किया। इस घटना के बाद, भाई दूज त्योहार के रूप में मनाया जाने लगा, जो भाई-बहन के प्यार और समर्पण का प्रतीक होता है।
इस त्योहार का मुख्य उद्देश्य भाई और बहन के आपसी संबंध को मजबूत करना और प्यार और समर्पण की भावना को प्रमोट करना है। भाई दूज भारतीय संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण है और यह हर साल बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
भाई दूज एक महत्वपूर्ण हिन्दू पर्व है जो भारत में भाई-बहन के प्यार और समर्पण के बीच संबंध का मान्यता देता है। इस पर्व के दौरान कुछ महत्वपूर्ण नियम होते हैं:
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- सुबह स्नान करें: इस दिन, भाई दूज के अवसर पर सुबह नहाना एक महत्वपूर्ण पारंपरिक रीति है।
- भगवान की पूजा: घर के कोणों में अथवा पूजा स्थल पर भगवान की पूजा करें। बहन अपने भाई के लिए आरती उतारती है और उनकी लंगड़ी पहनकर तिलक देती है.
- तिलक देना: बहन अपने भाई की माथे पर कुंकुम और चावल के तिलक करती हैं, जिसका मतलब भाई की रक्षा और दुर्दशा से सुरक्षा है।
- आरती उतारना: बहन अपने भाई के लिए आरती उतारती हैं और प्रार्थना करती हैं कि उनके जीवन में सुख, सफलता, और शांति हो.
- उपहार: बहन अपने भाई को उपहार देती हैं. यह उपहार कुछ विशेष रूप में होते हैं और इन्हें भाई की पसंद के आधार पर चुना जाता है.
- मिलकर समय बिताना: भाई और बहन इस दिन समय बिताते हैं, और एक दूसरे के साथ खुशियाँ और चुनौतियों को साझा करते हैं.
- मिलकर खाना खाना: बहन और भाई अकेले या परिवार के सदस्यों के साथ भोजन करते हैं, और यह परिवार के बंधन को मजबूत करता है.
भाई दूज एक साजना और प्यार भरा पर्व होता है, जिसमें भाई-बहन के संबंधों को मजबूत किया जाता है और उनकी सुरक्षा और खुशी की कामना की जाती है।