Yeh Rishta Kya Kehlata Hai आरोही ने मारा सुजीत को थापर

Yeh Rishta Kya Kehlata Hai आरोही ने मारा सुजीत को थापर ‘नवरंग संगीत’ शो का आज का एपिसोड अभिर की अनोखी मांग से शुरू होता है। वह सुवर्णा और मंजिरी से अपने और अक्षु के नाम की मेहंदी डिज़ाइन करने को कहता है। सुवर्णा मुस्कराते हुए सहमति व्यक्त करती है।

जब आरोही बच्चों को भोजन के लिए बुलाती है, तो सुजीत उसके पीछे अपनी मासूमियत लेकर चला आता है। वहीं, अभि और अक्षु अपने हाथों में उनके नाम की मेहंदी को देखकर खुश होते हैं। उनकी आँखों में उस विशेष पल की खुशी और उम्मीद झलकती है।

अगले पल, परिवार के युवा सदस्य, मनीष, आनंद और कैरव, मोबाइल फोन पर क्रिकेट मैच में गहरे डूबे होते हैं। जब दादी मनीष का मजाक उड़ाती हैं और उसका फोन छीन लेती हैं, तो मनीष मासूम चेहरे पर मासूम सवाल करता है, “मैच का स्कोर क्या है?” इस पर सभी हंसने लगते हैं।

दादी का डांस चैलेंज लेने का आदेश सभी पुरुष सदस्यों को हंसी और खुशी का क्षण प्रदान करता है। सभी की आँखों में खुशी और नाच की उमंग छलकती है। जब सभी पुरुष नाचने लगते हैं, तो पूरे परिवार में उत्सव का माहौल छा जाता है।

अभि और अक्षु के बीच का वह विशेष पल, जब अभि अक्षु को बालियाँ पहनाता है, दर्शकों के दिल को छू जाता है। इस दौरान, रूही और सुजीत के बीच विवाद की स्पर्धा होती है, जिसमें वे स्पर्श और यथास्थिति की सीमाओं को लेकर चर्चा करते हैं।

एपिसोड का अंत होता है जब सभी परिवार के सदस्य एक साथ मेहंदी दिखाते हैं और उस सुखमय पल का आनंद लेते हैं।

आरोही और सुजीत के बीच तनाव स्पष्ट है। जब अक्षु को चक्कर आता है, अभि उसकी चिंता करता है। अक्षु डिहाइड्रेशन की वजह से कमजोर महसूस कर रही है। आरोही सुजीत से डरती है, और उसे चुनौती देती है कि वह उसकी पत्नी को सच्चाई बता देगी। सुजीत आरोही को धमकी देता है कि उसकी बहन की शादी पर असर पड़ सकता है।

मंजिरी शगुन का सामान लेने के लिए आरोही को घर जाने के लिए कहती है, लेकिन आरोही सुजीत के साथ नहीं जाना चाहती। आरोही की चिंता का कारण उसकी मेहंदी खराब हो जाना है, जिस पर वह बहुत परेशान है।

अभि आरोही की चिंता में रहता है, और वह सुजीत से पूछता है कि आरोही को क्या हुआ। सुजीत उससे बचने के लिए बहाना बनाता है। अक्षु को सुजीत पर शक होता है जब वह उसकी शेरवानी पर मेहंदी देखती है। उसके बाद, मुस्कान और कायरव के बीच छोटी सी नोकझोंक होती है।

अक्षु और आरोही की बातचीत से पता चलता है कि आरोही सुजीत से डरती है। अक्षु उसे समझाने की कोशिश करती है कि वह खुद को स्थिर रखे और सही कदम उठाए। उसे आशा है कि आरोही सही निर्णय लेगी और अपनी और अपनी बहन की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाएगी।

आरोही को सुजीत के साथ जाने का मन नहीं था, लेकिन सुजीत उसे जरूरतमंद महसूस करता था। जब आरोही अकेली चली जाती है, अभि उसकी चिंता करता है और सुजीत से पूछता है कि आरोही को क्या हुआ। सुजीत उससे बचने के लिए फोन करने का बहाना बनाता है।

अक्षु ने ध्यान दिया कि सुजीत की शेरवानी पर मेहंदी लगी है, जिससे वह शककी होती है। मुस्कान की चिंता उसके हाथ पर मेहंदी और उसके टिफिन बॉक्स की गायबी को लेकर होती है। कायरव उसे टिश्यू देता है और उससे अपेक्षा करता है कि वह सच बोले। सुवर्णा सबको संतुलित रखने की कोशिश करती है और कहती है कि सब कुछ ठीक हो जाएगा।

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जब आरोही शगुन का सामान उठाने जाती है, सुजीत उसके पास जाता है, लेकिन वह उससे दूर हो जाती है। अक्षु आरोही से मिलने जाती है और उसे बताती है कि वह समझती है कि आरोही सुजीत से डरती है। आरोही और अक्षु के बीच एक गहरी बातचीत होती है, जिसमें वह एक दूसरे की भावनाओं को समझने की कोशिश करती हैं।

आरोही और अक्षु के बीच की बातचीत सभी को आँखें खोलने वाली थी। अक्षु ने जोर से अपनी बहन का साथ दिया, जिससे उसकी मानसिकता और दृढ़ता साफ दिखाई दे रही थी। जब सुजीत आरोही के पास गया, उसकी असलियत सभी के सामने आ गई।

आरोही की बहादुरी और उसका फैसला सुजीत को थप्पड़ मारने का सभी को अच्छा लगा। जब मंजिरी ने पूछा कि तुमने उसे थप्पड़ क्यों मारा, अक्षु और आरोही ने उसे पूरी घटना बताई। सुजीत की उस झूठी और ढोंगी बातों पर कोई भी यकीन नहीं करता। कायरव उसे सख्ती से देखता है, उसकी आंखों में गुस्सा चमक रहा था।

मुस्कान बच्चों को उस दृश्य से दूर ले जाती है, ताकि वे उस घातक माहौल का असर न पाएं। आरोही और अक्षु ने मिलकर सुजीत को उसकी गलतियों का अहसास कराया और सभी को बताया कि जब बात सम्मान और मानवाधिकार की होती है, तो चुप रहना गलत होता है। इस घटना ने सभी को यह सिखाया कि बुराई के सामने डटकर समाज में बदलाव लाना ही असली बहादुरी है।

आरोही और अक्षु के बीच की बातचीत सभी को आँखें खोलने वाली थी। अक्षु ने जोर से अपनी बहन का साथ दिया, जिससे उसकी मानसिकता और दृढ़ता साफ दिखाई दे रही थी। जब सुजीत आरोही के पास गया, उसकी असलियत सभी के सामने आ गई।

आरोही की बहादुरी और उसका फैसला सुजीत को थप्पड़ मारने का सभी को अच्छा लगा। जब मंजिरी ने पूछा कि तुमने उसे थप्पड़ क्यों मारा, अक्षु और आरोही ने उसे पूरी घटना बताई। सुजीत की उस झूठी और ढोंगी बातों पर कोई भी यकीन नहीं करता। कायरव उसे सख्ती से देखता है, उसकी आंखों में गुस्सा चमक रहा था।

मुस्कान बच्चों को उस दृश्य से दूर ले जाती है, ताकि वे उस घातक माहौल का असर न पाएं। आरोही और अक्षु ने मिलकर सुजीत को उसकी गलतियों का अहसास कराया और सभी को बताया कि जब बात सम्मान और मानवाधिकार की होती है, तो चुप रहना गलत होता है। इस घटना ने सभी को यह सिखाया कि बुराई के सामने डटकर समाज में बदलाव लाना ही असली बहादुरी है।

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